कहानी व्यापारी की अकबर और बीरबल
अब सुनो कहानी व्यापारी की अकबर के राज्य में 1 दिन पूरी तरीके से खजाना खाली हो गया। अकबर के राज्य का खजाना खाली हो गया तो अकबर ने किसी को बुलाता, ऐसी बुरे वक्त में किसी को बुलाता। अकबर बीरबल को बीरबल को बुलाया और पूछा बीरबल खजाना खाली हो गया, बता क्या करना चाहिए? वीरबल ने बोला, साहब इस राज्य का एक व्यापारी है, वोही मदद करेगा तो बुरे वक्त में और कोई नहीं कर सकता। उस व्यापारी को बुलाया, व्यापारी से बोला की मदद करोगे? हाँ साहब करूँगा खजाना खोल दिया व्यापारी ने अपना वो सब तेरे पास इतना रुपया कहाँ से आया रे? इतना सामान कहाँ से आया रे की कुछ नहीं साहब मैं टैक्स को चोरी करना जानता हूँ कैसे कैसे चोरी होता है टैक्स? मैंने आप ही के जितनी टैक्स थे ना उन्हीं में से सब बच्चा बच्चों की इतना सामान इकट्ठा कर लिया। अकबर का दिमाग खराब हो गया। टैक्स चोरी करता है। सामान तो ले ही लिया इसको अपने हस्त बल में नौकरी कर आओ, घोड़ों का अस्तबल है ना वहाँ इसको घोड़ों की लीद उठाओ। देखो प्रकृति उसने सब दे दिया और इतना सच्चा बोल गया और परिणाम क्या मिला अस्तबल किसी को कंप्लेंट नहीं, किसी से कुछ नहीं बोला, उसने संभावना ही खोजना चालू की। अब क्या संभावना है? क्योंकि व्यापारी असली डीएनए होता है ना व्यापारी वो संभावना है। अब उसका क्या काम था? घोड़ों की लीद उठाने का काम छे महीने बाद अकबर का खजाना फिर खाली। खजाना खाली किसी को बुलाता बीरबल को बीरबल को बोला भाई अब क्या करे? खजाना फिर खाली हो गया। बीरबल ने बोला उसी को बुलाना पड़ेगा। अरे उसके पास अब क्या सामान बचा है? वो तो अपने घोड़ों के लिए उठाता है की नहीं, वो व्यापारी है, उसको बुलाओ, मदद वही करेगा और कोई कर ही नहीं सकता। उसको वापस बुलाया, बी खजाना खाली हो गया, कोई मदद कर सकता है? हाँ साहब लो पहले से ज्यादा ले लो। अखबार ने बोला अब की बार कहाँ से लाया रे? तू कुछ नहीं साहब, आपके जीतने भी गुरेज पार थे, जीतने भी सेनापति सब भ्रष्टाचार ही थे, सारे भ्रष्टाचारियों को बोला, तुम्हारी पोल खोल दूंगा मुझे सही मुद्राएं सोने की मुद्राएं देते जाओ नहीं तुम्हारा गेम ओवर वही से कमाल है हमें तो भाई साहब। अकबर का गुस्सा चरम सीमा पे? इसको समुद्र के किनारे छोड़ के वो जहाँ पे जायज गिनेगा इसका सारे दिन एक ही काम में जहाज गिनेगा कितने आये, कितने गए? ठीक है भाई साहब वो वहाँ गया छे महीने बाद अकबर का खजाना फिर खाली अकबर ने बोला बीरबल अब क्या करे, उसी को बुलाना पड़ेगा? अरे उसके पास तो निचोड़ लिया अब क्या बचा है? कुछ भी हो जाये बुरे वक्त पर देश को चलाने के लिए व्यापारी की जरूरत है। अरे की सच में की हाँ बुलाओ भाई मदद करेगा हाँ साहब पहले से डबल ले लो अरे अब दीवार कहाँ से लाया की जहाज में जीतने लोग आते थे लोग इधर उधर का माल इधर उधर करते थे, सबको कह दिया राजा ने मेरी ड्यूटियां लगाई है, टाइम पे टेक दे दो टाइम पे सामान दे दो सारे जहाजों के ऊपर तुम्हारे ऊपर ड्यूटी लगा दूंगा, नहीं तो वहाँ से कमल आया। अगर मूर्ख होता और डीएनए व्यापारी का नहीं होता तो रोता रे घोड़ों की लीद में से सामान निकाल लाया। जहाजों को गिनने में से सामान निकाल लाया। इसे कहते है धरती का असली व्यापारी जो इंसान अपनी जिंदगी में संभावनाओं को गोबर में से भी निकाल लाये और वो है करम फूटे धरती के जिनके पीढ़ियों से कई सामान आ गए लेकिन उन्हें बत्ती लगा के रख दी।
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