गरीब चाय वाला बना करोड़पति। Hindi Kahani Hindi Moral Stories Hindi Kahaniyan

रुधौली के गांव में योगेश के कर एक बच्चा रहता था। उसका माँ पिता एक कार ऐक्सिडेंट में गुजर गए थे। उनके मरने के बाद उनका चाचा विद्यासागर उनका पूरा संपत्ति को हड़प लिया और योगेश को घर से भगा दिया। योगेश हालातों की वजह से बिना पढ़े ही बड़ा बन गया योगेश बड़ा होने के बाद। रुधौली के व्यस्त जगह में एक चाय का स्टॉल चलाते हुए ज़िंदगी गुजर रहा था। उनके पास चाय के लिए अच्छा गिरा था। योगेश मसाला टी, जिंजर टी, पुदीना टी, लेमन टी ऐसे कई तरीके के चाय बनाकर बेचता था। योगेश की चाय दुकान पर 1 दिन मुकुंद कहकर एक आदमी आकर। योगेश से मैं तुम्हारा दुकान के बगल वाले जगह में समोसा बेचूंगा, तब मेरे पास समोसा खाने के लिए आने वाले तुम्हारे पास भी चाय पियेंगे। तुम्हारा गिरावट भी और भी बढ़ेगा। ठीक है ना? अगर तुम हाँ कहोगे तो कल ही मैं समोसा बेचना शुरू करता हूँ। कहा तब योगेश 2 मिनट के लिए सोचकर ठीक है, ऐसा ही करो कहा। ऐसा मुकुंद योगेश के चाय दुकान के बगल में समोसा बेचना शुरू किया। ऐसा कुछ दिन बीत गए। मुकुंद को एक आदमी छोटे छोटे समोसा सप्लाई करना शुरू किया। पहले योगेश उसे अच्छे से गौर नहीं किया, लेकिन एक बार दत्तू मुकुंद को छोटे छोटे समोसे सप्लाई करना देखा। मुकुंद के पास समोसे के लिए ज्यादा युवक आते थे। मुकुंद उनको छोटे छोटे समोसा पैकिंग करके देता था। 1 दिन योगेश का चाचा का बेटा राघव समोसा खरीदने के लिए मुकुंद के पास आना योगेश ने देखा तब योगेश राघव से भाई कैसे हो कह कर पूछा तब राघव मैं तुम्हारा भाई हूँ, तुम तो आफ्टर ऑल एक गरीब चाय वाला हो। मैं कहा और तुम कहाँ? और एक बार ऐसा बुलाओगे तो अच्छा नहीं होगा। मैंडेट कहा एक हफ्ता गुज़रने के बाद म्यूनिसिपल अधिकारी योगेश के चाय दुकान के पास आकर योगेश तुम्हारा चाय दुकान को इधर से निकल रहे हैं। तुम तुरंत चाय बेचना बंद करो। कहकर उस 30 साल को उधर से निकाल दिया। योगेश दुखी होकर उसको क्या करना है कुछ समझ में नहीं आ कर। उसका दोस्त नित्यानंद के पास जाकर। जो हुआ वो बताया योगेश अब क्या करना है कुछ समझ में नहीं आ रहा है यार कहाँ तब नित्यानंद तुम चिंता मत करो, बट हर बार एक ही तरह नहीं होता है तुम्हें चाय बेचना तो आदत है इसलिए अब से ट्रेन में जाकर भेजो। रेलवे वालों से मैं बात करता हूँ थोड़े पैसे इकट्ठा होने के बाद तुम और एक सेंटर में चाय दुकान लगा सकते हो कहाँ वो सलाह को योगेश तुरंत पालन किया और ट्रेन में चाय बेचना शुरू किया। योगेश ऐसा ट्रेन में चाय बेच रहा था तो उसे एक बार दत्तू समोसा बेचते हुए सामने आया। कुछ देर के बाद योगेश दत्तू समोसा को बेचता हुआ नाटक कर रहा है कहकर गौर किया। अगले दिन दत्तू एक टोकरी में पान बेचता हुआ सामने आया। और 1 दिन फल बेचता हुआ ऐसा कई तरीके के चीजों को बेचता हुआ नाटक करते हुए योगेश ने गौर किया, ट्रेन में 1 दिन योगेश ने उनका चाचा विद्यासागर को देखा तब उनसे चाचा जी कहाँ जा रहे हैं? पूछा तब विद्यासागर दुखी से योगेश राघव अस्पताल में हैं। उनका हालत बिल्कुल ठीक नहीं है। मैंने तुम्हारे साथ जो नाइंसाफी किया उसके लिए अब पछता रहा हो। लाघव को ड्रग्स का आदत पढ़ कर अपनी मौत से खेल रहा है। तुम मुझे माफ़ करना चाहिए कहा आप चिंता मत कीजिए, चाचा जी, सब कुछ अपने आप सुधर जाएगा। कहा बाद में राघव के बारे में सोच रहा था तब उसको मुकुंद के समोसा, दुकान के पास राघव और कुछ युवक छोटे छोटे समोसा खरीद के जाना याद आया। तुरंत योगेश को दत्तू के ऊपर शक आया। एक बार जब दत्तू समोसा बेच रहा था तो योगेश चुपके से उनका पीछा किया। बाद में योगेश एस ए से मिलकर कुछ कहा। योगेश ऐसे साहब दत्तू तो युवक को ड्रग्स बेच रहा है। मुकुंद भी समोसा के रूप में ड्रग्स अपने कर रहा है। वे लोग मुनिसिपल अधिकारियों से मिलकर मेरा चाय दुकान को निकलवा दिए। इसके बारे में आपको कुछ करना चाहिए। कहा तब ऐसे ये जानकारी बस हैं। बाकी का काम हम देख लेंगे। कहा पुलिस लोग दत्तू के ऊपर नजर रखकर फल की दुकान के पास आपके पास। बेकरी के पास ऐसा कई जगह में दत्तू जो कर रहा था वो सब गौर करने लगे। धीरे धीरे से इन्वेस्टिगेशन करके दत्तू और मुकुंद को पकड़कर अरेस्ट कर लिए। उनका दिया जानकारी से एक बड़ा इन्टरनैशनल ड्रग्स माफिया आपको भी पकड़ लिए। पुलिस डिपार्टमेंट में ऊपर का अधिकारी योगेश से कई दिनों से हम बहुत मेहनत करके कोशिश करने से भी ड्रग्स कैसे सप्लाई हो रहे हैं, ये जान नहीं पाए लेकिन तुम्हारे वजह से ये इन्टरनैशनल स्मगलर्स को पकड़ पाए। उन्हें पकड़ने में मदद करने वालों को सरकार ने 10,00,00,000 का इनाम भी घोषित किया है। सबाश बहुत धन्यवाद। योगेश को 10,00,00,000 का चेक और अवॉर्ड देकर उनका आदर भी किये थे। योगेश का चाचाजी विद्यासागर संपत्ति को वापस योगेश को दे दिया। ऐसे गरीब चाय वाला योगेश बन गया करोड़पति।
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